आइसीजे में भारत को एक बड़ी कामयाबी जरूर हाथ लगी है। लेकिन भारतीय नेता इसे अपनी बड़ी कामयाबी मान कर न चलें। क्योंकि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को किसी भी हालत में रिहा नहीं करेगा। ऐसा हम सरबजीत सिंह के मामले में भी देख चुके हैं। जब सरबजीत सिंह के मामले में तूल पकड़ा तो किस तरह पाकिस्तान ने जेल में बंद खूंखार कैदियों से ही उसकी हत्या करा दी थी। पाकिस्तान का बर्बर चेहरा उस समय भी भारत की आम जनता और हमारे नेताओं ने देखा था। असल में कुलभूषण जाधव बड़ा इश्यू नहीं है। बड़ा इश्यू सिर्फ कश्मीर समस्या है।
जिसे हल करने में हमारे काबिल नेता घबराते हैं। पाकिस्तान यह बात अच्छी तरह जानता है कि चाहे कितना बड़ा बवाल हो जाए भारत सीमा पार करके उस पर हमला करने की जुर्रत नहीं करेगा। इसीलिए कभी वह सरबजीत सिंह का, तो कभी कुलभूषण जाधव का बड़ा इश्यू खड़ा करके भारत को उकसाता है। ताकि दुनिया को पता चल सके कि भारत दुनिया का एक कमजोर मुल्क है। सीमापार से होने वाली अनावश्यक फायरिंग भी इसी बात का जीता जागता नमूना है। कहने को तो हमारी फौज दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देती है। लेकिन ऐसी क्या बात है कि हमारी सेना का मुंहतोड़ जवाब उसे समझ नहीं आता है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान हमारे साथ खेल खेल रहा है और हमारे नेता उस खेल में सिर्फ भागीदारी किए चले जा रहे हैं।
पाकिस्तान ने नहीं माना फैसला तो क्या होगा?
यदि पाकिस्तान ने आईसीजे के द्धारा दिए गए फैसले को नहीं माना तो वह कुलभूषण जाधव को फांसी पर चढ़ा कर ही दम लेगा। यदि वह ऐसा नहीं कर पाया तो वह सरबजीत की तरह कुलभूषण जाधव की भी जेल में हत्या करा कर मामले को रफा दफा करने की कोशिश करेगा। यह उसकी रणनीति का एक महत्वपूर्णं हिस्सा है। यदि पाकिस्तान ने ऐसा कोई कदम उठाया तो भारत में भूचाल आना तय है। आम जनता में गुस्सा भड़केगा और हमारे नेता सिर्फ बयानबाजी करते हुए मीडिया में नजर आएंगें।
पाकिस्तान के साथ सभी समस्याओं का हल हो सकता है कि यदि भारत गुलाम कश्मीर को किसी भी हालत में वापस ले ले
सारे फसाद की जड़ कश्मीर है। यह जानते हुए भी नेताओं को कश्मीर समस्या सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। यदि यह मामला बातचीत से नहीं सुलझ रहा है तो सैनिक कार्रवाही करके इसे सुलझाया जा सकता है। यदि पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाही करने में कोताही बरती जा रही है, तो इससे स्पष्ट है कि भारत कहीं न कहीं पाकिस्तान के मुकाबले कमजोर है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इस मामले को और अधिक जटिल बना रही है
भारत की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने कश्मीर समस्या और कुलभूषण जाधव वाले मामले का तमाशा बना कर रख दिया है। अब भारत देगा मुंहतोड़ जवाब। करारा जवाब दे दिया। अब पाकिस्तान थर थर कांपेंगा। ऐसे जुमलों का प्रयोग करके भारत की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया देश की आम जनता को ऐसे रास्ते पर लाकर खड़ा कर देगी। जहां यदि विपरीत स्थितियां उत्पन्न हुईं तो उन्हें संभाल पाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। एक ओर भारत, पाकिस्तान के मुकाबले हर मामले में कमजोर साबित होता जा रहा है और दूसरी ओर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चिल्लाए जा रही है, मानों कश्मीर समस्या और कुलभूषण जाधव मामले को हमेशा के लिए सुलझा लिया गया हो।
इससे देश में बहुत गलत संदेश जा रहा है। ऐसी मीडिया रिपोर्टों ने पूरे देश के आम नागरिकों को पका कर रख दिया है। आम जनता कुलभूषण की सकुशल रिहाई के लिए प्रार्थना कर रही है और बुरे वक्त में उसके साथ है। लेकिन देखने वाली बात यह है कि यदि पाकिस्तान ने आईसेजे का फैसला नहीं माना तो हमारे नेता पाकिस्तान के खिलाफ कौन सा कड़ा कदम उठाते हैं?