भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का नाम आज के समय में कौन नहीं जानता आप सभी जानते हैं कि नरेन्द्र मोदी जी हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं, मोदी जी के व्यक्तित्व को देखकर आज हर भारतवासी के मन में कुछ कर गुजरने की भावना उत्पन्न हुई है, नरेन्द्र मोदी जी का जीवन बहुत ही साधारण था लेकिन अपने संघर्ष की वजह से उन्होंने वह उपाधि पाई जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है। गुजरात के एक रेलवे स्टेशन पर कभी चाय बेचने वाले नरेन्द्र मोदी भारतीय राजनीति में आगे बढ़ें वर्ष 2001 में मुख्यमंत्री बनने के बाद वह सुर्खियों में आए। मोदी जी महज 12 वर्ष में पार्टी की ओर से देश की सरकार के शीर्ष पद के प्रत्याशी बनाए गए। हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा के परोपकार मोदी जी जन भावनाओं को उभारने में अपनी पार्टी के किसी भी नेता से बहुत आगे माने जाते हैं
नरेंद्र मोदी की जीवनी
प्रमुख बिंदु | नरेन्द्र मोदी का जीवन परिचय |
पूरा नाम | नरेन्द्र दामोदरदास मोदी |
नरेन्द्र मोदी की जाति | हिंदू गुजराती |
नरेन्द्र मोदी का जन्म | 17 September 1950 |
नरेंद्र मोदी के पिता का नाम | दामोदरदास मूलचंद मोदी |
नरेंद्र मोदी की पत्नी | जसोदाबेन नरेंद्र भाई मोदी |
नरेंद्र मोदी राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
नरेन्द्र मोदी का बचपन
नरेन्द्र मोदी ने चाय की दुकान संभालते हुए अपनी पढ़ाई भी जारी रखी, मोदी जी को बचपन से ही पढ़ाई का बहुत शौक था पढ़ाई के लिए यह पुस्तकालय में घंटों बिता दिया करते थे एक चाय वाले से प्रधानमंत्री बनने का सफर इनका कैसा रहा होगा यह बात तो आप सब अंदाजा लगा सकते हैं, मोदी जी के अंदर बचपन से ही देशभक्ति कूट-कूट कर भरी थी उनके अंदर बचपन से ही देश के लिए कुछ अलग कर गुजरने की चाह थी। नरेन्द्र मोदी जी के तीन भाई और दो बहने हैं उनकी सगाई सिर्फ 13 साल की उम्र में तथा शादी 18 साल में उनके ही जिले ब्रास तलवाड़ा निवासी चिमना बाई मोदी की बेटी जशोदाबेन के साथ 1968 में हुई यह रिश्ता ज्यादा नहीं चल सका मोदी जी ने पत्नी और घर दोनों को छोड़कर साल 1971 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विधिवत सदस्यता स्वीकार कर ली।
दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र के स्नातक रहे नरेन्द्र मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से एम ए किया है 16वी लोकसभा चुनाव में मिले जनादेश से मोदी जी ने अपनी लोकप्रियता से न केवल अपने विरोधियों बल्कि अपनों को भी अचंभित कर दिया।
नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक यात्रा
नरेन्द्र मोदी को पहली बार आडवाणी ने अपनी पहली रथयात्रा के दौरान हम जिम्मेदारी सौंपी थी और इस रथ यात्रा का सह संयोजक किया था साल 1991 में भाजपा अध्यक्ष डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी की कन्याकुमारी से कश्मीर की एकता यात्रा के आयोजन में वह संयोजक बने इसके बाद तो उनका राजनीतिक कद लगातार बढ़ता चला गया साल 1995 में मोदी जी भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री बन गए और वाजपेई सरकार बनने के बाद महासचिव बने उनकी किस्मत ने बड़ी करवट 7 अक्टूबर 2001 होली जब वह तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के खराब स्वास्थ्य और कथित कमजोर प्रशासनिक सत्ता के शीर्ष पर पहुंच गए पहली बार मुख्यमंत्री बने मोदी ने कथित कठोर छवि और गुजरात दंगों के आरोपों के बावजूद वर्ष 2002 2007 2012 के चुनावों में लगातार जीत हासिल की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का कहना है कि 125 करोड़ देशवासी एक कदम चलेंगे तो देश 125 करोड़ कदम चलेगा।