जिओ के मार्केट में आने से टेलीकॉम कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा का दौर शुरू हो चुका है। प्रतिद्धंदी कंपनियां जियो को टक्कर देने के लिए एक से बढ़कर एक सस्ते प्लान लांच कर रही हैं इसके बाद भी कोई कंपनी जियो को टक्कर दे पाएगी या नहीं यह कहना अभी मुश्किल है। लेकिन एक ताजा रिपोर्ट में पता चला है कि जियो के मार्केट में आने से सिर्फ टेलीकॉम कंपनियों को ही नहीं बल्कि टेलीविजन इंडस्ट्री को भी काफी तगड़ा झटका लगा है।
जिओ के मार्केट में आने से पहले भारत में टेलीविजन पर शो देखने वालों की संख्या लगभग 47 प्रतिशत थी लेकिन जियो के धमाकेदार एंट्री के बाद टेलीविजन शो देखने वालों की संख्या मात्र 10 प्रतिशत ही रह गई है।एसेंचर के कम्युनिकेशन मीडिया और टेक्नोलॉजी ग्रुप के लीडर मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य चौधरी का कहना है कि पिछले एक साल में भारतीय टेलीकॉम कंपनियों द्वारा सस्ती और नई और सस्ती सेवाओं की शुरुआत की गई है। इसके बाद लोग टीवी शोज अपने मोबाइल,लैपटॉप या डैस्कटॉप पर देखना पसंद कर रहे हैं। जिससे टेलीविजन पर शो देखने वाले लोगों की संख्या में भारी गिरावट आई है।
जिओ के मार्केट में आने के बाद लगभग सभी टेलीकॉम कंपनियां पहले से ही अपने कॉल रेट काफी हद तक कम कर चुकी है। लेकिन अब उन्हें अपने कॉल रेट और भी ज्यादा कम करने पड़ेंगे क्योंकि भारतीय दूरसंचार विनिमय प्राधिकरण ने खुद ग्राहकों को सस्ती कॉल दरों की सौगात देने के लिए इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज कम करने का निर्णय लिया है। इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज वह चार्ज होता है जो कॉल टर्मिनेट करने के लिए एक ऑपरेटर किसी दूसरे ऑपरेटर से लेता है।
वर्तमान समय में आयुषी 14 पैसे प्रति मिनट चल रहा है जोकि इस कटौती के बाद लगभग 10 पैसे प्रति मिनट तक हो सकता है। और यह सभी मोबाइल यूजर्स के लिए किसी सौगात से कम नहीं है वैसे भी जिओ के मार्केट में आ जाने से मोबाइल यूजर को लगभग सारी सुविधाएं मिल रही है। दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के लिए गए इस कटौती के निर्णय के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि अब आने वाले समय में VOLT टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा जिसमें प्रत्येक कॉल पर मात्र 3 पैसे का ही खर्चा आता है।
वैसे तो जिओ के मार्केट में रहते हुए किसी के कॉल रेट कम करने की जरूरत नहीं है अगर फिर भी कॉल रेट सस्ते हो जाते हैं तो यह मोबाइल यूजर्स के लिए खुशखबरी है।