हिन्दी लव शायरी
तुम भी शबनम छूकर देखो
कुछ हाथ आए तो बताना,
चमक कितनी रह गयी है बाकी
आफ़ताब सो जाए तो बताना ।
एक अजीब सा दौर गुजरा था जिंदगी में
महफिल थी मुझसे और तन्हा भी मैं था
…………..By हिमांशु श्रीवास्तव
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तुम भी शबनम छूकर देखो
कुछ हाथ आए तो बताना,
चमक कितनी रह गयी है बाकी
आफ़ताब सो जाए तो बताना ।
एक अजीब सा दौर गुजरा था जिंदगी में
महफिल थी मुझसे और तन्हा भी मैं था
…………..By हिमांशु श्रीवास्तव
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