हिन्दी लव शायरी
जाना तूने जाना क्या
दिल से दिल लगाना क्या
छलक उठे आंखों से जिसका
उसका दर्द छुपाना क्या
पीढ़ियां मिट्टी से दूर होती रही
संस्कृतियांं इस चलन पर रोती रही।
सहज ही लूट ले गए वो विरासत हमारी
मुल्क की कौमें बस इधर से उधर होती रही
इश्क के गुल,थोडे इंतजार में नहीं खिलते
मंजिल पर खडे लोग,मझधार में नहीं मिलते
रूह तक में बस जाए खुशबू जिनकी
अब वो फूल बाजार में नहीं मिलते
जब आँखें उनके दीदार से महरूम हो गई
जिंदगी लगा कि जैसे जेहन्नूम हो गई
जाना तूने जाना क्या
दिल से दिल लगाना क्या
छलक उठे आंखों से जिसका
उसका दर्द छुपाना क्या
काश ! कि तुझ तक ये पैगाम जाए
अब तक जिन्दा है तुझ पे मरने वाला
तुम न समझो बीत गया
अब सावन फिर न आएगा
टूटे हुए घरौंदे में
घर पंछी कोई बनाएगा
एक गीत लिखा है तेरे खातिर
तुझसे प्यार जताने को
समझ सको जो बेचैनी तो
क्या कुछ है बताने को
तुझसे प्रीति निभाकर मैने
प्रत्याशा में रहना सीखा
अरमानो के अंबारों को
खामोशी से कहना सीखा
ये दोस्ती रिश्ते नाते जो हैं मालूम है
कौन कब कहाँ क्यों है मालूम है
हसरत थी कि उनके दिल पर राज करेंगे
किस्मत है कि पहरेदार भी न हो सके
This post was last modified on January 12, 2020 8:57 PM
View Comments (3)
Bahut khoob....
Thanks Sushant,
Keep in touch.
भावनापूर्ण अभिव्यक्ति। सुंदर