हिन्दी लव शायरी
है तेरे मेरे प्रेम का पर्व
हाल तू मेरे दिल का गुन
अधरों ने तो झूठ कहा सब
इक बार जरा नैनों की सुन ।
वीराने कंटक रस्तो पर था ,
विस्तृत जीवन बहुत अकेला
तुझको पाकर जाना है तू ,
तम जीवन का नया सवेरा ।
तेरे प्यार से ही आबाद हूं मैं,
तेरे बंधन में आजाद हूं मैं
तुझ बिन मिथ्या जीवन मेरा,
नित स्वप्नों में तेरा चेहरा ।
तू ही इस प्यासे की सरिता
तू ही इस दिल का स्पन्दन
तू तपते मरु पे तरु की छाया
तू बहते जल की कल-कल धुन ।
क्या कह दूं कि कौन हो तुम
मेरे दिल का चैन हो तुम
अधरों ने तो झूठ कहा सब
इक बार जरा नैनों की सुन ।
प्रलयकाल जब जीवन में देखा
तुम स्मृति में रही हमेशा
जहाँ अश्रु बहाकर कुंठित लौटा
तुम उस महफिल का स्मृति चिन्ह ।
अधरों ने तो झूठ कहा सब,
इक बार जरा नैनों की सुन…।।
……….By हिमांशु श्रीवास्तव