हिन्दी शायरी : लोग खामोखां बदनाम करते हैं

हिन्दी शायरी

लोग खामोखां बदनाम करते हैं
हम आशिकों को परेशां करते है ।
हमसे कायम कई रवायतें हैं दुनिया की
हम ही हैं जो हवा को तूफान करते हैं।

इतनी गहराई में न आये तुम, जहां मोती मिलते है
और मुझे मछलियां पकड़कर पेट पालना नहीं आया

उनके चेहरे की कशिश, मेरी सब कोशिश बेकार गयी
दिल पर हुकूमत थी जिनकी अबतक,उनकी अब सरकार गयी

वो लगती ही नहीं वो
उसमें भी नजर तू आती है
न जाने क्यों हर फूल से
तेरी ही खुशबू आती है

न भी रहेगा तो,
प्यार रहेगा
ये दिल की फितरत है,
बेकरार रहेगा

By हिमांशु श्रीवास्तव

Similar Posts

Leave a Reply